डब्ल्यूएचओ यह अनुमान लगाता है कि सभी दवाओं के 50% भाग को अनुचित तरीके से नुस्ख़ा लिखा, वितरित किया या बेचा जाता है।[1] इसमें ऐसे रोगी सम्मिलित हैं जो एण्टीबायोटिक्स को ग़लत तरीके से लेते हैं। साथ ही, एक-तिहाई आबादी की आधारभूत दवाओं तक उचित पहुँच नहीं है। डब्ल्यूएचओ के दिशा-निर्देर्शों के अनुसार सबसे आम प्रकार के दवा के तर्कहीन उपयोग हैं:
- प्रति रोगी बहुत अधिक प्रकार की दवाओं का उपयोग
- एण्टीबायोटिक्स का आवश्यकता-से-अधिक-उपयोग, अक्सर ग़ैर-जीवाणुजन्य संक्रमणों के लिए
- किसी संक्रमण का मुक़ाबला करने के लिए अपर्याप्त ख़ुराक़
- जब मौखिक सूत्रीकरण अधिक उचित होगा, तब इंजेक्शन्स का आवश्यकता-से-अधिक-उपयोग
- अनुचित रूप से स्वयं दवा लेना
- प्रमाणित स्वास्थ्य-देखभाल कर्मी का चिकित्सालयी दिशा-निर्देशों के अनुसार नुस्ख़ा लिखने में विफल रहना
एण्टीबायोटिक्स के आवश्यकता-से-अधिक-उपयोग से गम्भीर समस्याएँ हो सकती हैं, जिनमें मृत्यु सम्मिलित है। कुछ चिरकालिक रोग जो एण्टीबायोटिक्स के आवश्यकता-से-अधिक-उपयोग से प्रभावित हो सकते हैं, वे हैं - उच्च रक्तचाप, मधुमेह, मिर्गी और मानसिक विकार। एण्टीबायोटिक्स का आवश्यकता-से-अधिक-उपयोग संसाधनों की एक बरबादी है - अक्सर रोगियों द्वारा अपनी जेब से भुगतान के रूप में - और इसके परिणामस्वरूप रोगी को महत्वपूर्ण हानि या रोगी के ख़राब परिणाम और दवा की प्रतिकूल प्रतिक्रियाएँ हो सकती है।
रोगाणु-रोधी दवाओं का तर्कहीन उपयोग या आवश्यकता-से-अधिक-उपयोग रोगाणु-रोधी प्रतिरोध को बढ़ा रहा है। एण्टीबायोटिक्स का अनुचित उपयोग रोगी की अनुचित माँग को बढ़ा सकता है, और इसके परिणामस्वरूप, विनियमित स्वास्थ्य-देखभाल की सुविधाओं तक कम पहुँच और स्वास्थ्य प्रणाली में रोगी के विश्वास का खोना, हो सकते हैं। विश्वास के इस खोने के परिणामस्वरूप एण्टीबायोटिक्स को ओवर-द-काउण्टर ख़रीदने और दवा स्टोर्स या स्वास्थ्य-देखभाल व्यवस्थाओं से एण्टीबायोटिक्स की माँग करने का एक 'मज़बूत, "और अधिक मज़बूत' या 'सबसे मज़बूत' दुष्चक्र पैदा हो सकता है।
दवा के तर्कहीन उपयोग को रोकने के लिए, दवाओं के और अधिक तर्कसंगत उपयोग को बढ़ावा देने के लिए केन्द्रीय नीतियों को लागू किया जाना चाहिए। इनमें निम्नलिखित सम्मिलित हैं परन्तु निम्नलिखित तक ही सीमित नहीं हैं: दवा के उपयोग की नीतियों, चिकित्सालयी दिशा-निर्देशों, स्वतन्त्र चिकित्सा जानकारी और दवाओं के बारे में जनता की शिक्षा के समन्वय के लिए एक राष्ट्रीय संस्था।
आरडीयू के बारे में इस वीडियो को देखें:
रोगाणु-रोधी प्रबंधन महत्वपूर्ण क्यों है?
References
1 WHO. (2002, September). Promoting Rational Use of Medicines: Core Components - WHO Policy Perspectives on Medicines, No. 005. Retrieved from https://apps.who.int/medicinedocs/pdf/h3011e/h3011e.pdf